rain in anjan shaheed
पिछले कई दिनों से आंधी और तूफ़ान ने पूरे गाँव को अपने चपेट में ले लिया था . कल की आंधी तो काफी जानलेवा थी. हालाकि रोज मर्रा की जिन्दगी पे कोई खास असर नहीं डाल सकी. कुछ पुराने पेड़ों (सजर) की शाखाएं टूटी तो कुछ घरों के छप्पड़ हवा में उड़ गए. हल्की फुल्की बारिश ने गर्मी की आगोश से झुलसी मिटटी को कुछ हद तक गिला कर दिया. बारिश होने के बाद फिजा में बहार सी आ गयी है. फूलो की वादी में महक एक बार फिर लौट चुकी है. सौंधी मिटटी की ख़ुश्बू ने पूरे इलाको को फिर से खुशगवार बना दिया है. बारिश की इस हंसी ताल पर किसानों का एक बड़ा तबका नाचने लगा है. बूंदों की छमाछम में कुछ बच्चे फ़ीग रहे है तो कुछ तालाबों की पानी में अठखेलियाँ खेल रहे हैं. कुछ लोग दरख्तों के ऊपर चड़कर लबालब भरे पोखरों में कूदने लगे हैं. बारिश के झोंकों ने एक ओर जहाँ लोगों को भीषण गर्मी से राहत दी वंही दूसरी ओर बारिश के साथ आये तूफ़ान ने कुछ नुकसान भी पंहुचाया.
लोग छतरी लेकर खेतों की तरफ निकलने लगे हैं. बाज़ार सुना सुना सा हो गया है. लोग घरों से बाहर निकल ही नहीं रहे हैं. हालाकि नौजवानों को एक बड़ा झुण्ड पक्के पोखरा और रौउजवा पर मछली मारने या मस्ती करने पहुच चुके हैं.
शेष कल लिखूंगा..........